गुरुवार, 4 अगस्त 2016

Nikki di....

एक शेर अर्ज है मेरी प्यारी बड़ी बहन के लिए
रक्त से नही मजहब ने रिश्ता गड़ा  हैं
मेरी जीवन में आई है गुड़िया से दीदी
मेरा कर्म का तो पता नही बेरुख हु
पर मेरी दी दुनिया की लाड़ली छवि हैं।
-आपका छोटा भाई अमित।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें