दिल में तम्मना बरकरार हैं, आँखों में आज भी अरमान हैं परिन्दों के दिल में जान हैं, जीत की घड़ी आसमान में हैं। -अमित चन्द्रवंशी"सुपा"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें