चोरी की भी हद हो गया हैं।
अन्जान बनते फिरते है वे लोग जो चोरी करते हैं,
चोरी पकडे जाने पर भी जुर्म का ऐतबार नही करते है
ऊपर से बोलते है क्यों बच्चे वाली हरकत करते हो
अब उन्हें कौन समझये हम तो अपने कलम के बच्चे समान हैं।।
-अमित चन्द्रवंशी"सुपा"
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