ओम शांति..!!
समेट कर रखना आसान नही होता हैं, दिन में काले बदल कभी दोखा नही देता हैं।
जिस तरह उड़ते पक्षी को कैद करके नही रखते, उसी तरह मंजिल को पार करने वाले को कभी नही रोकते हैं। -अमित चन्द्रवंशी"सुपा"
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